झारखंड के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम। जानिए कैसे बदलेगी झारखंड की शिक्षा व्यवस्था और क्या हैं शिक्षा मंत्री की मांगें।
Jharkhand Education News: झारखंड के शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत होने वाली है! राज्य के 360 हाई स्कूलों को +2 स्तर पर अपग्रेड करने की योजना बनाई गई है, जिसके लिए झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से 3600 करोड़ रुपये की मांग की है। शिक्षा मंत्री (रामदास सोरेन) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री (धर्मेंद्र प्रधान) को इस महत्वाकांक्षी प्रस्ताव को सौंपा है। इसके साथ ही, राज्य में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कुल 4440 करोड़ रुपये की जरूरत बताई गई है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि यह योजना झारखंड के छात्रों के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगी।
झारखंड में शिक्षा की स्थिति
Jharkhand Education News: झारखंड में नई शिक्षा नीति (NEP) लागू होने के बाद डिग्री कॉलेजों और अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद हो गई है। इससे राज्य के पांच विश्वविद्यालयों के 42 अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई प्रभावित हुई है। हर साल झारखंड में लगभग पांच लाख छात्र-छात्राएं मैट्रिक की परीक्षा पास करते हैं, लेकिन +2 स्तर की पढ़ाई के लिए पर्याप्त स्कूलों की कमी एक बड़ी समस्या है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 360 हाई स्कूलों को +2 में अपग्रेड करने का फैसला किया है, ताकि छात्रों को अपने ही जिले में बेहतर शिक्षा मिल सके।
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योजना का विवरण
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किन स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा?
झारखंड के प्रत्येक जिले में 15 हाई स्कूलों को +2 स्तर पर अपग्रेड किया जाएगा। कुल 360 स्कूल इस योजना का हिस्सा होंगे। -
कितनी लागत आएगी?
प्रत्येक स्कूल के अपग्रेडेशन के लिए 10 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। इस हिसाब से कुल 3600 करोड़ रुपये की मांग की गई है। -
क्या सुविधाएं मिलेंगी?
इस राशि से स्कूलों में आधुनिक प्रयोगशालाएं (लैब), पुस्तकालय, शौचालय, और अतिरिक्त कक्षा-कक्ष बनाए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री की अन्य मांगें
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने केंद्र सरकार से न केवल स्कूल अपग्रेडेशन के लिए, बल्कि शिक्षा के अन्य क्षेत्रों में सुधार के लिए भी फंड की मांग की है। इन मांगों का विवरण इस प्रकार है:

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आईसीटी लैब (ICT Labs):
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झारखंड में 2869 हाई और +2 स्कूल हैं, जिनमें से 2686 स्कूलों को पहले ही आईसीटी लैब के लिए स्वीकृति मिल चुकी है।
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बचे हुए 160 स्कूलों के लिए 10.24 करोड़ रुपये की मांग।
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11,382 मध्य विद्यालयों में से 3378 को पहले ही स्वीकृति मिली है, शेष 7488 स्कूलों के लिए 479.23 करोड़ रुपये की जरूरत।
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स्मार्ट क्लास:
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584 हाई और +2 स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू करने और संचालित करने के लिए 14 करोड़ रुपये की मांग।
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स्मार्ट क्लास से छात्रों को डिजिटल और इंटरैक्टिव शिक्षा का लाभ मिलेगा।
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व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education):
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वर्तमान में 1075 हाई और +2 स्कूलों में 15 ट्रेड्स में 1.72 लाख छात्रों को कौशल-आधारित शिक्षा दी जा रही है।
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1794 और स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू करने के लिए 336.37 करोड़ रुपये की जरूरत।
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विज्ञान लैब, लाइब्रेरी, और शौचालय:
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स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, और शौचालयों के विकास के लिए 30.97 लाख रुपये की आवश्यकता।
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इस योजना का महत्व
यह योजना झारखंड के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखती है। नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद होने से छात्रों को +2 स्तर की शिक्षा के लिए स्कूलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इस योजना से न केवल स्कूलों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी सुधरेगी। आधुनिक सुविधाओं जैसे स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब, और व्यावसायिक शिक्षा के जरिए छात्रों को 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जाएगा।
छात्रों पर प्रभाव
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बेहतर अवसर: हर जिले में +2 स्कूलों की उपलब्धता से छात्रों को अपने घर के पास ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।
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कौशल विकास: व्यावसायिक शिक्षा के विस्तार से छात्रों को नौकरी और स्वरोजगार के लिए तैयार किया जाएगा।
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आधुनिक शिक्षा: स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब के जरिए छात्रों को डिजिटल शिक्षा का लाभ मिलेगा, जो उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाएगा।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि यह योजना बहुत महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसे लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं:
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फंड की उपलब्धता: केंद्र सरकार से 4440 करोड़ रुपये की मंजूरी मिलना इस योजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
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बुनियादी ढांचा: स्कूलों में बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए समय और संसाधनों की जरूरत होगी।
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शिक्षकों की कमी: +2 स्तर की पढ़ाई के लिए योग्य शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण भी जरूरी है।
शिक्षा मंत्री ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार के साथ लगातार संवाद करने का भरोसा दिलाया है। साथ ही, राज्य सरकार भी इस दिशा में अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष
झारखंड सरकार की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। 360 स्कूलों को +2 में अपग्रेड करने और आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की योजना से न केवल छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि राज्य के युवाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। केंद्र सरकार से मांगे गए 4440 करोड़ रुपये इस सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। आइए, उम्मीद करते हैं कि यह योजना जल्द ही लागू हो और झारखंड के बच्चे एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ें।
FAQ Section
1. झारखंड में कितने स्कूलों को +2 में अपग्रेड किया जाएगा?
प्रत्येक जिले में 15 हाई स्कूलों को मिलाकर कुल 360 स्कूलों को +2 स्तर पर अपग्रेड किया जाएगा।
2. इस योजना के लिए कितने फंड की मांग की गई है?
झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से 360 स्कूलों के अपग्रेडेशन के लिए 3600 करोड़ रुपये और कुल मिलाकर 4440 करोड़ रुपये की मांग की है।
3. स्कूलों में कौन-कौन सी सुविधाएं विकसित की जाएंगी?
इस योजना के तहत स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, शौचालय, स्मार्ट क्लास, और आईसीटी लैब जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
4. नई शिक्षा नीति का झारखंड में क्या प्रभाव पड़ा है?
नई शिक्षा नीति के तहत डिग्री और अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद हो गई है, जिससे +2 स्कूलों की जरूरत बढ़ गई है।
5. व्यावसायिक शिक्षा के लिए कितने फंड की मांग की गई है?
1794 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू करने के लिए 336.37 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
6. यह योजना कब तक लागू होगी?
इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी और फंड आवंटन की प्रक्रिया पर निर्भर करता है। शिक्षा मंत्री ने जल्द से जल्द इसे लागू करने की बात कही है।
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