Fake Medicine Identification: नकली दवाओं से बर्बादी की ओर? अब ऐसे करें असली दवा की पहचान!
क्या आप भी मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदते वक्त 100% भरोसे में रहते हैं?
आजकल जिस तेजी से नकली दवाओं का गोरखधंधा बढ़ रहा है, उसमें आंख मूंदकर किसी भी दवा पर भरोसा करना खुद को खतरे में डालने जैसा है। असली जैसी दिखने वाली नकली दवाएं अब मार्केट में धड़ल्ले से बिक रही हैं… तो सवाल ये है कि आप कैसे जानेंगे कि जो दवा आपने खरीदी है, वो असली है या नकली?
मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली हर दवा असली होगी, क्या ये पक्की बात है?
बिलकुल नहीं! जब आप बीमार होते हो, तो डॉक्टर की पर्ची लेकर सीधे मेडिकल स्टोर भागते हो। यही सोचते हो कि यहां से जो दवा मिलेगी, वो भरोसेमंद होगी। लेकिन क्या आपको पता है — मार्केट में कुछ दुकानों पर नकली दवाएं भी मिल रही हैं? हां, और ये दवाएं देखने में इतनी original लगती हैं कि कोई भी धोखा खा जाए!
नकली दवा खाकर बीमार होना कौन चाहेगा?
लेकिन सच्चाई यही है कि कई लोग गलती से नकली दवा खरीदकर खा लेते हैं और बीमारी से ठीक होने की बजाय और ज्यादा बीमार हो जाते हैं। पैकिंग देखकर भी धोखा हो सकता है क्योंकि अब नकली दवा की पैकेजिंग हूबहू असली जैसी बनती है।

तो अब सवाल ये उठता है कि – कैसे पता करें दवा असली है या नकली? Fake Medicine Identification चलो आपको एकदम आसान तरीकों से समझाते हैं…
असली और नकली दवा की पहचान कैसे करें? (Fake Medicine Identification Tips)
1. दवा की पैकेजिंग पर करें ध्यान – क्या आपने देखा कुछ गड़बड़ है?
सबसे पहली नजर पैकिंग पर ही जाती है।
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असली दवा की पैकिंग एकदम साफ, ब्रांड के लोगो के साथ, और साफ-सुथरी प्रिंटिंग में होती है।
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नकली दवा की पैकिंग में अक्सर हल्का प्रिंट, टेढ़ा लोगो, या फिर अस्पष्ट बैच नंबर और डेट्स लिखे होते हैं।
क्या आपने कभी देखा है कि पैकिंग में कुछ भी मिसिंग या अजीब हो? अगर हां, तो भाई उस दवा को वापस रख दो।
👉 बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी डेट और MRP साफ दिखनी चाहिए। नहीं दिख रही? तो खतरे की घंटी है।
2. क्यूआर कोड और होलोग्राम से करें असलीपन की पुष्टि
आजकल असली दवाओं में QR Code या Hologram होता है। क्या आपने दवा पर ये कोड स्कैन किया है कभी?

बस अपने मोबाइल का स्कैनर खोलिए, QR Code स्कैन कीजिए और फिर देखिए —
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कंपनी का नाम
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मैन्युफैक्चरिंग डेट
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बैच नंबर
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और दवा से जुड़ी दूसरी डिटेल्स
ये सारी जानकारी तुरंत फोन में आनी चाहिए।
अगर कोई भी डिटेल नहीं आ रही, या गलत आ रही है — तो भाई समझ लो दवा नकली है!
3. नकली दवा में QR Code होता ही नहीं या स्कैन फेल हो जाता है
असल में, नकली दवा बनाने वाले या तो QR Code लगाते ही नहीं हैं, और अगर लगाते हैं तो वो स्कैन में फेल हो जाता है।
क्या आपने कभी दवा स्कैन की है और स्कैन काम नहीं किया?
तो आगे से Alert हो जाइए! क्योंकि असली दवा का QR Code हमेशा एक्टिव और ऑथेंटिक होता है।
4. मेडिकल स्टोर से खरीदते वक्त हमेशा रसीद लें
क्या आपने दवा खरीदते वक्त कभी सोचा कि रसीद लेना भी जरूरी है?
अगर कल को कोई दिक्कत आती है, तो आपके पास प्रूफ होना चाहिए कि आपने दवा कहां से खरीदी थी। रसीद से आप दवा और मेडिकल स्टोर दोनों की ट्रैकिंग कर सकते हैं।
5. शक हो तो तुरंत फार्मा कंपनी या हेल्थ डिपार्टमेंट से करें शिकायत
अगर आपको जरा भी शक है कि आपने नकली दवा खरीदी है, तो चुप मत बैठिए।
आप सीधे ड्रग कंट्रोल विभाग या कंपनी की वेबसाइट पर जाकर कंप्लेन कर सकते हैं।
क्या आपने कभी किसी नकली दवा की शिकायत की है? अगर नहीं, तो अब समय आ गया है।
याद रखिए – सेहत के साथ समझौता नहीं चलता!
Fake Medicine Identification अब सिर्फ डॉक्टर्स या मेडिकल अफसरों का काम नहीं है, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है। जब तक हम खुद जागरूक नहीं होंगे, तब तक नकली दवाओं का ये काला कारोबार बंद नहीं होगा।
FAQ Section – Fake Medicine Identification
Q1. नकली दवा कैसे पहचानें?
Ans: पैकेजिंग, QR कोड, बैच नंबर और प्रिंटिंग देखकर आसानी से पहचान सकते हैं। अगर कुछ भी अजीब लगे तो दवा मत खरीदिए।
Q2. दवा पर QR कोड नहीं है तो क्या वह नकली है?
Ans: जरूरी नहीं, लेकिन अगर ब्रांडेड दवा है और फिर भी QR नहीं है या स्कैन नहीं हो रहा, तो शक करना जायज़ है।
Q3. नकली दवा खा ली तो क्या करें?
Ans: तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और दवा का पैक संभालकर रखें। हेल्थ डिपार्टमेंट या कंपनी को तुरंत रिपोर्ट करें।
Q4. दवा की रसीद क्यों जरूरी है?
Ans: रसीद से आप दवा की खरीदारी का सबूत रखते हैं, जिससे जरूरत पड़ने पर आप शिकायत कर सकते हैं।
Q5. क्या नकली दवा पर कोई सजा होती है?
Ans: हां! नकली दवाएं बेचना गंभीर अपराध है और इसके लिए जेल तक हो सकती है।
Final Words:
अब आप जान गए होंगे कि Fake Medicine Identification कितना जरूरी है।
एक छोटी सी गलती आपकी सेहत और जान दोनों को खतरे में डाल सकती है।
इसलिए अगली बार जब भी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदो — आंखें खोलकर खरीदो, पैकिंग चेक करो, स्कैन करो, और खुद को बचाओ।
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