किसी Political Party को अब कैसे दें चंदा? Electoral Bond पर बैन के बाद क्या हैं नए विकल्प?
भारत की Political Party को चंदा देना अब पहले जैसा नहीं रहा। सुप्रीम कोर्ट ने Electoral Bond पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। अब आम नागरिक, समर्थक और कारोबारी वर्ग यह जानना चाहता है कि अपने पसंदीदा राजनीतिक दल को चंदा आखिर कैसे दें?
Electoral Bond क्या था, और अब क्यों हुआ बैन?
Electoral Bondएक ऐसा Financial Tool था, जिसे State Bank Of India (SBI) से खरीदा जा सकता था और किसी भी Political Party को डोनेट किया जा सकता था—बिना दाता की पहचान बताये हुए।
इस सिस्टम की खास बात थी anonymity यानी गुमनामी।
लेकिन समय के साथ आलोचनाएं भी बढ़ीं। यह कहा जाने लगा कि इस व्यवस्था से पारदर्शिता खत्म हो रही है और बड़े Corporate बिना नाम बताये किसी भी पार्टी को बड़ी रकम दे रहे हैं।
फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे System को असंवैधानिक बताते हुए Electoral Bond स्कीम पर रोक लगा दी और SBI को आदेश दिया कि अब तक जारी सभी Bond की जानकारी सार्वजनिक की जाए।
अब किसी Political Party को दान कैसे दें?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भले ही इलेक्टोरल बॉन्ड बंद हो गया हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अब आप अपनी पसंदीदा पार्टी को सहयोग नहीं कर सकते।
अब कई स्पष्ट और कानूनी विकल्प मौजूद हैं, आइए जानते हैं:
1. पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट से डोनेट करें
आज की डिजिटल दुनिया में लगभग हर प्रमुख राजनीतिक दल ने अपनी वेबसाइट पर Donation Portal शुरू कर दिया है।
यहां आप ऑनलाइन पेमेंट माध्यम (UPI, Debit Card , Credit Card , Net Banking) से डोनेशन दे सकते हैं।
कुछ उदाहरण:
Congress: https://inc.in/en/donate
यह तरीका सबसे पारदर्शी है और डोनेशन का रिकॉर्ड भी तुरंत मिलता है।
2.Cheque या Demand Draft से चंदा दें
अगर आप Degital माध्यम से डोनेट नहीं करना चाहते, तो पारंपरिक तरीका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप पार्टी के नाम पर Cheque या Demand Draft बनवा सकते हैं। यह Donation पूरी तरह Traceable होता है और इसकी जानकारी चुनाव आयोग (Election Commission) को देनी होती है।
3. क्राउड फंडिंग (Crowd Funding) के जरिए
आजकल कई पार्टियां Crowd Funding के जरिए छोटे-छोटे Donation इकट्ठा कर रही हैं। इसमें 10, 50, 100 रुपये जैसे छोटे योगदान भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
यह तरीका ज्यादा Transparent public-friendly और commercial दबाव से मुक्त माना जाता है।
अमित शाह ने खुद दिया उदाहरण
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ ही दिन बाद, देश के गृह मंत्री अमित शाह ने NaMo App का इस्तेमाल करते हुए बीजेपी को ₹200 का दान दिया।
उनका यह कदम संबन्धित था, लेकिन यह एक स्पष्ट संदेश भी था—”अगर आप किसी पार्टी को सपोर्ट करते हैं, तो छोटा ही सही, योगदान ज़रूर करें।”
कितना चंदा मिला था और किसे?
RTI और सरकारी Reports के मुताबिक:
मार्च 2018 से जुलाई 2023 के बीच, ₹13,000 करोड़ से अधिक Electoral Bond के जरिए Political Party को Transfar हुए।
सिर्फ 2018–2022 के बीच ₹9,208 करोड़ के Bond बिके।
इस धनराशि में से 58% हिस्सा सिर्फ बीजेपी(BJP) को मिला।
2021–22 में चुनाव आयोग की रिपोर्ट (election commission of india) के अनुसार:
चार राष्ट्रीय दलों (Political Party)ने अपनी कुल आय का 55.09% सिर्फ चुनावी Bond से इकट्ठा किया।
भाजपा को सबसे ज्यादा, फिर TMC और फिर कांग्रेस को मिला।
अब चंदा देना कितना स्पष्ट रूप से होगा?
अब जबकि Electoral Bond बंद हो चुका है, तो चंदा देने की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा स्पष्ट रूप से हो गई है।
अब हर पार्टी (Party) को यह बताना जरूरी होगा कि उन्हें किससे, कब और कितना चंदा मिला।
इसके साथ ही चुनाव आयोग (EMI) को भी समय-समय पर ये रिपोर्ट (Report) देनी होगी।
यह बदलाव लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी माना जा रहा है।
निष्कर्ष: अब आप भी बन सकते हैं लोकतंत्र के मजबूत भागीदार
अब जब चंदा देने की प्रक्रिया ज्यादा ज्यादा स्पष्ट रूप से हो गई है और आसान हो चुकी है, तो आपके पास भी मौका है कि आप अपनी पसंदीदा पार्टी का समर्थन करें—चाहे ₹10 हो या ₹1000।
याद रखें, छोटा योगदान भी बड़े बदलाव की नींव रखता है।
और हां, Donation करते समय केवल आधिकारिक और सुरक्षित माध्यम ही चुनें।
क्या आप भी अपनी पसंदीदा पार्टी को चंदा देने की सोच रहे हैं?
नीचे कमेंट कर के जरूर बताएं या इसे दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लोकतंत्र की इस प्रक्रिया से जुड़ें।
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